Tuesday, October 20, 2009

‘‘ताओ तेह किंग’’ अध्याय 19

  • यह सभी अपने आप में बाह्यरूपाकार मात्र हैं, और अपने आप में सम्पूर्ण नहीं:
- अपना नकली साधुत्व और ज्ञान त्‍याग दो, यह आपके और किसी भी के लिए सौ गुना श्रेष्ठ है।
- झूठी दयालुता और नैतिकता त्‍याग दो, लोग अपने में ही धर्मनिष्ठता और प्रेम पुनः खोज लेंगे।
- चतुराई त्‍याग दो, लाभ छोड् दो चोर और डाकू अपने आप खत्म हो जायेंगे।
  • यह और महत्वपूर्ण है:
- सरलता को देख पाना।
- किसी की यथार्थ प्रकृति को समझ पाना।
- स्वार्थपरता और ज्वलंत इच्छाओं को अपने से अलग-थलग कर पाना।