हदय की सच्चाईयों के लिए हमारे भीतर ही एक जिज्ञासु मन है। इसे खोजें, और जीवन ने जो समस्याएं दी हैं उनके निराकरण के लिए इसे प्रयास करने दें। इसे चीजों और घटनाओं के निचोड़ तक पहुंचने की कोशिश करने दें, यहाँ तक कि इसे स्वयं के भीतर तक पैठने दें। यदि व्यक्ति दृढ़तापूर्वक कारणों के बारे में सोचता-समझता है, तो चाहे वह समस्याओं के निराकरण के लिए किसी भी मार्ग का अनुसरण करने वाला हो, वह अनिवार्यतः अन्ततः स्वयं तक ही पहुँच जायेगा, और उसे समस्या का हल वहाँ से शुरू करना होगा - जहाँ ये प्रश्न उठते हैं कि वह स्वयं अपने में क्या है? उसके चारों ओर जो जगत है उसमें उसका क्या स्थान है?
- जी आई गुरजियफ
मूल स्रोत: www.gurdjieff.org