ताओ तेह किंग 29
क्या आप सोचते हैं कि दुनियां आपके हवाले कर दी जाये तो आप उसे सुधार देंगे?
मैं नहीं समझ सकता कि ऐसा किया जा सकता है।
ब्रह्माण्ड परमपावन है।
यदि आप इसे बदलते हैं तो आप इसका सत्यानाश कर देंगे।
यदि आप इस पर आधिपत्य करना चाहेंगे तो इसे खो देंगे।
तो चीजें कभी हमसे आगे होती हैं कभी पीछे।
कभी सांस लेना बहुत ही मुश्किल होता है, कभी आसान।
कभी सबलता होती है, कभी निर्बलता।
कभी कुछ ऊपर होता है, कभी नीचे।
इसलिए साधु अति, ज्यादती से बचता है सम्तोष में रहता है।
क्या आप सोचते हैं कि दुनियां आपके हवाले कर दी जाये तो आप उसे सुधार देंगे?
मैं नहीं समझ सकता कि ऐसा किया जा सकता है।
ब्रह्माण्ड परमपावन है।
यदि आप इसे बदलते हैं तो आप इसका सत्यानाश कर देंगे।
यदि आप इस पर आधिपत्य करना चाहेंगे तो इसे खो देंगे।
तो चीजें कभी हमसे आगे होती हैं कभी पीछे।
कभी सांस लेना बहुत ही मुश्किल होता है, कभी आसान।
कभी सबलता होती है, कभी निर्बलता।
कभी कुछ ऊपर होता है, कभी नीचे।
इसलिए साधु अति, ज्यादती से बचता है सम्तोष में रहता है।