Monday, June 6, 2011

29 साधु अति, ज्यादती से बचता है सम्तोष में रहता है।

ताओ तेह किंग 29 

क्या आप सोचते हैं कि दुनियां आपके हवाले कर दी जाये तो आप उसे सुधार देंगे?
मैं नहीं समझ सकता कि ऐसा किया जा सकता है।

ब्रह्माण्ड परमपावन है।
यदि आप इसे बदलते हैं तो आप इसका सत्यानाश कर देंगे।
यदि आप इस पर आधिपत्य करना चाहेंगे तो इसे खो देंगे।

तो चीजें कभी हमसे आगे होती हैं कभी पीछे।
कभी सांस लेना बहुत ही मुश्किल होता है, कभी आसान।
कभी सबलता होती है, कभी निर्बलता।
कभी कुछ ऊपर होता है, कभी नीचे।
इसलिए साधु अति, ज्यादती से बचता है सम्तोष में रहता है।

28 सदैव सच पर अडिग रहो ताकि अनन्त में लौट सको।

 ताओ तेह किंग 28
एक मर्द की ताकत जानो
पर एक औरत की देखभाल का ध्यान रखो।
ब्रहमांण्ड की एक धारा हो रहो
ब्रहमाण्ड की एक धारा होने के नाते
सदैव सच पर अडिग रहो
ताकि फिर से
एक छोटे बच्चे से हो सको।

सफेद को जानो
कालिमा को संभालो
दुनियां के सामने उदाहरण बनो
और दुनियां का उदाहरण होने के नाते
सदैव सच पर अडिग रहो
ताकि अनन्त में लौट सको।

आदर को जानो
तो भी विनम्रता को संभालो
ब्रह्माण्ड की घाटी हो रहो
ब्रह्माण्ड की घाटी होने के नाते
सदैव सच्चे और साधनसंपन्न रहो
ताकि अपनी अनघड़ अवस्था में लौट सको।

जब कोई लकड़ी का लड्ठा तराशा जाता है
तो वह अनुपयोगी हो जाता है
जब कोई साधु इसका इस्तेमाल करता है, वह नियंता हो सकता है,
क्‍योंकि‍ वह न्‍यूनतम काटता छांटता है।