- देह के साथ ही दुर्भाग्य भी आता है, शरीर के बिना कैसा दुर्भाग्य?
- लाभ हानि की परवाह किये बिना अपने आपको पूर्णतः समर्पित कर दो, इससे आप सब चीजों पर विश्वास कर पायेंगे और उनका खयाल रख सकेंगे।
- संसार से वैसे ही प्यार करो जैसे तुम स्वयं से करते हो इस तरह आप सारे संसार की सच्ची देखभाल कर पाएंगें।
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