Monday, October 26, 2009

23 देर रात गये आया तूफान बहुत देर तक नहीं ठहरता।

मित भाषण श्रेयस्कर है।
प्रकृति भी मितभाषी होती है।


देर रात गये आया तूफान बहुत देर तक नहीं ठहरता।
लगातार कई दिनों तक बारिश हो, ऐसा भी कम ही होता है।
यहाँ तक कि प्रकृति भी एक ही रूप में बहुत देर तक नहीं रहती।
जमीन और आसमान भी एक जैसे नहीं रहते।
तो आदमी के अस्तित्व की क्या कहें?

जो परमात्मा का अनुसरण करता है परमात्मा से ही ऐक्य प्राप्त कर लेता है।
जो पुण्य करता है, पुण्यों को प्राप्त होता है।
जो मार्ग से भटक जाता है, वह नष्ट हो जाता है।

जो परमात्मा का साह्चर्य करता है परमात्मा उसका स्वागत करता है।
जो पुण्यों के साथ साहचर्य करते हैं वह पुण्य भोगते हैं।
जो मार्ग भटकता है वह अपनी इच्छा से भटकने का आनंद भोगता है।


जो किसी पर विश्वास नहीं करता, लोग भी उस पर विश्वास नहीं करते।
जो किसी पर विश्वास नहीं करता, उसका विश्वास कैसे किया जा सकता है?

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