Tuesday, October 27, 2009

24 जो भागदौड़ में ही लगा हो, वह प्रगति नहीं कर सकता।

जो पंजों के बल खड़ा हो, वह स्थिर या दृढ़ नहीं होता।
जो भागदौड़ में ही लगा हो, वह प्रगति नहीं कर सकता।
जो दिखावा करता है, वह प्रबुद्ध नहीं है।
जो खुद को ही सही साबित करने में लगा रहता है वह सम्माननीय नहीं होता।
जो दावा करता है, निश्चित ही उसने कुछ भी अर्जित नहीं किया है।
जो डींगे मारता है, उसने निश्चित ही सत्य नहीं भोगा।

परमात्मा का सच्चा अनुसरणकर्ता कहता है अतिरिक्त भोजन और वस्त्र अनावश्यक बोझ है, जो खुशी नहीं देता, इसलिए वो इनके परे रहता है।

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