ताओ तेह किंग 34
महान ताओ हवा की तरह हमारे अगल बगल बहता है, दाईं ओर भी बाईं ओर भीं।
दसियों हजारों चीजें उस पर निर्भर हैं, पर वो किसी पर आधिपत्य नहीं रखता।
वो अपने मक्सद खामोशी में पूरे पा लेता है और कोई दावा नहीं करता।
वो दसियों हजारों चीजों को पुष्ट करता है
तब भी वो उनका खुदा नहीं है
उसका कोई लक्ष्य नहीं है, वह सूक्ष्मतम है।
उसमें दसियों हजारों चीजें वापिस समा जाती हैं
तब भी वो उनका खुदा नहीं है
यह ही तो अत्यधिक महानता है
वो अपनी महानता कभी भी प्रदर्शित नहीं करता
इसलिए भी, वो वाकई महान है।
महान ताओ हवा की तरह हमारे अगल बगल बहता है, दाईं ओर भी बाईं ओर भीं।
दसियों हजारों चीजें उस पर निर्भर हैं, पर वो किसी पर आधिपत्य नहीं रखता।
वो अपने मक्सद खामोशी में पूरे पा लेता है और कोई दावा नहीं करता।
वो दसियों हजारों चीजों को पुष्ट करता है
तब भी वो उनका खुदा नहीं है
उसका कोई लक्ष्य नहीं है, वह सूक्ष्मतम है।
उसमें दसियों हजारों चीजें वापिस समा जाती हैं
तब भी वो उनका खुदा नहीं है
यह ही तो अत्यधिक महानता है
वो अपनी महानता कभी भी प्रदर्शित नहीं करता
इसलिए भी, वो वाकई महान है।
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