ताओ तेह किंग 37
ताओ अकर्म में बना रहता है।
तथापि ऐसा कुछ भी नहीं बचा जो नहीं हुआ।
अगर राजा और मसीहा इसका अवलोकन करें
तो दसियों हजारों चीजें कुदरतन विकसित हो जायें
यदि वो फिर भी कुछ करने की इच्छा रखते हैं
तो उन्हें निराकार पदार्थ की सरलता में लौटना होगा।
बिना इच्छा किये, इच्छाहीन होना
इसी तरीके से सारी चीजें शांति में रहती हैं।
ताओ अकर्म में बना रहता है।
तथापि ऐसा कुछ भी नहीं बचा जो नहीं हुआ।
अगर राजा और मसीहा इसका अवलोकन करें
तो दसियों हजारों चीजें कुदरतन विकसित हो जायें
यदि वो फिर भी कुछ करने की इच्छा रखते हैं
तो उन्हें निराकार पदार्थ की सरलता में लौटना होगा।
बिना इच्छा किये, इच्छाहीन होना
इसी तरीके से सारी चीजें शांति में रहती हैं।
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