Friday, July 8, 2011

ब्रहमा वि‍ष्‍णु महेश का होना


अजमेरमें ब्रह्माका मन्दिर है
इसलिए अजमेरमें ख्वाजा भी हैं
निराकार ब्रह्मा मुसलमानोंके आराध्य हैं
वोभी शब्द ब्रहमाकी पूजा करते हैं
आयतोंकी पूजा
पर किताबोंमें छपा हुआ.... ब्रहमत्व थोड़ेही होताहै
शब्द का ब्रह्मा तो उसके अर्थमें है
जो अर्थ जाने, वो मुसलमान।
किताबें तो लड़ाई झगड़े दंगे फसाद कराती हैं।

पालनहार विष्णु जल के पास
जल में ही रहते हैं
यमुना नदीके पास
गहरे समन्दरमें ... द्वारकामें
गंगा के किनारे हरिद्वारमें

महाकाल सुनसानमें रहते हैं
शहर के बीचोंबीच श्मशानमें
पर्वतों हिमालयमें
जंगलोंमें
हर कहीं
जहां भी जन्म होता है
आदमी पैदा होताहै
आदमी का होना ही उसे डराता है
कि ”हुआ हुआ“, ”ना होना“ हो गया तो
इसलिए डर है... तो बाकी सब ईश्वर हैं
और शिव महेश्वर
महाईश्वर!

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